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Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Chaachar : 2 : 24

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पवित्र बीजक  : प्रग्या बोध : चाचर : 2 :  24 चाचर  : 2 : 24 पुजबे  को  बहु  देव , समुझि  मन  बौरा  हो  !  शब्द  अर्थ  :  पुजबे  = पूजा  करने  ! बहु  = बहुत !  देव  = ईश्वर , भगवान  , देवो  की  मूर्तिया  ! समुझि  = समजो  ! मन  बौरा  हो  = मन  का  पागल  है  !  प्रग्या  बोध  :  परमात्मा  कबीर  चाचर  के  इस  पद  में  कहते  है भाईयों  आप  लोगोने  ने  जो  अपने  देवालय  में  अनेक  देवो  की  अनेक  ईश्वर  की  , अनेक  देवी  देवता  के अवतार  की  मुर्ती  फोटो  लगा  रखी  है  और  विभिन्न  तरह  तरह  के  देवी  देवता  जैसे  मच्छ  कच्छ  वरह  आदी  ब्रह्मा  और  न  जाने  हजारो  अंतहीन...

Mulbhartiya Hindhudharm

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#मुलभारतिय_हिन्दूधर्म ! मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  के  पुनरूउत्थापक  परमात्मा  कबीर  और  मुलभारतिय  विचार  नेटिवीज्म  और   नेटिव  हिन्दुत्व  विचार  के  पिता  नेटिविस्ट डीडी  राऊत  तथा धर्म  विक्रमादित्य  कबीरसत्व परमहंस    दौलतराम  जगतगुरू नरसिंह मुलभारती , मुलभारतिय  हिन्दुधर्म  विश्वपीठ  , कल्याण  दोनो  के  पुतले  एक  साथ  ! मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  का  एकमात्र  धर्म  ग्रंथ  है  परमात्मा  कबीरवाणी  पवित्र  बीजक , कानुन  है  हिन्दू  कोड  बिल  के  कायदे  और  विश्वपीठ  है  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ, कल्याण    #दौलतराम  जगतगुरू  #मुलभारतिय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ , कल्याण

Nativist DD Raut

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Nativist DD Raut, Father of Nativism and Native Hindutva

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Chaachar : 2 : 23

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पवित्र बीजक :  प्रग्या बोध :  चाचर : 2 : 23 चाचर  : 2 : 23 नहाने  को  तीरथ  घना , मन  बौरा  हो  ! शब्द  अर्थ  :  नहाने  = शुद्धी करण  ! तीरथ = धार्मिक  तिर्थ  स्थान  जैसे  प्रयाग  , हरिद्वार आदी  !  घना = बहुत  ! मन  बौरा  हो  = मन  मे  अशंती ,  डर !  प्रग्या  बोध  :  परमात्मा कबीर  चाचर  के  इस  पद  में  कहते है  जो लोग  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक ब्राह्मणधर्म के  चंगुल  में  फसे  हुवे  है  उनसे  कोई  पुन्य  का  काम , धर्म  का  काम  होता  नही  वो  ऊलटे  पाप  कर्म  , अधर्म  झूठ  मक्कारी  आदी  मन  को  पीडा  देने  वाले  कार्य  में  फसे  हुवे  होने  के कारण  व्यथित  होते  है  उनहे  मन  में ...
हिंदू  अडगळ नाही ! एक समृद्ध स्वतंत्र नेटिव्ह  हिंदू धर्म जो सतत विदेशी वैदिक ब्राह्मण धर्माशी लढला आहे , लढत आहे ! नेटिविस्ट डी डी राऊत सर्व प्रथम १९७० साली बौद्धिक मंडळ , पवनी येथ काही मित्रांच्या बैठकीत नेटीव्हीसम आणि नेटिव्ह हिंदुत्व हा विचार मांडला . पुढे  जाती , वर्ण , भेदभाव या विरुद्ध मत मांडणी साठी १९७३ मध्ये फेडेरेशन फॉर एरंडीकेशन ऑफ एव्हिल्स नावाची मुंबई मध्ये काही मित्रांना सोबत घेऊन संघटन बनविली . शिक्षण संस्था काढली , प्राथमिक इंग्रजी शाळा , अनाथ बाळ गृह चालविले आणि नेटीव्हीसम , नेटिव्ह हिंदुत्व या विचारला अधिक गती देण्या साठी १९९० मध्ये मूलभारतीय विचार मंच हि वैचारिक विचार मांडणारी संस्था काढली अनियत कालिक पेपर काढले , १९९१ मध्ये नेटिव्ह पीपल्स पार्टी , सत्य हिंदू धर्म सभा निर्माण केली . आम्ही ज्या वेळी नेटीव्हीसम हाच आमचा गुरु , नेटिव्ह हिंदुत्व हेच आमचे मार्गदर्शन हा संदेश हिंदुस्थान , मूलभारतीय हिंदू समाज , धर्मान्तरित हिंदू समाजाला , जगाला देत होतो , हिंदू धर्मात जाती , वर्ण , भेदभाव नाही ,तो ३ टक्के विदेशी वैदिक ब्राह्मण धर्मात असून हिंदू धर्म आणि...
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कोणी स्वतःला हेबडा , कुबडा , शेम्बडा म्हणत असेल तर आम्ही काय करावे ? आम्ही तर त्यांना मूळ भारतीय , मालक म्हणतो ! तुमचा शत्रू , तुमच्या देशाचा दुश्मन तुम्हाला अस्पृश्य , शूद्र , वैश  ,क्षत्रिय म्हणत असे त्या वेडी सुद्धा तुम्ही फक्त मूळ भारतीय , मालकच होता आणि आज जरी स्वतःला चुकीने रंजला , गांजला , दलित , शोषित ,  पददलित , डिप्रेसड  , सप्रेसड, मुका , बहिरा , हरिजन , गिरिजन , अल्पसंख्यान्ख ,बहुजन असे आल्तु फालतू वंचित , भिकारी आदी नाव देत असले तरी आम्ही तुम्हाला मूळ भारतीय , मालक हेच म्हणार कारण तुम्ही खरेच आहेत मालक , नेटिव्ह , मूळ भारतीय . तुम्ही सर्व गैर ब्राह्मण आहात , नेटिव्ह आहेत ९७ टक्के आहेत . ३ टक्के विदेशी ब्राह्मण जे एक वर्ण , सवर्ण , आर्य आहेत ते नेटिव्ह , मूळ मालक , मूळ भारतीय सर्व लोकांचे शत्रू आहेत , आपल्या देशाचे दुश्मन आहेत हे जर विसरले नाही तर स्वतःला वंचित , बहुजन , शोषित वगैरे शब्द वापरून आपलीच किंमत कमी करण्याची वेळ येणार नाही . आम्ही सर्व गैर ब्राह्मण आहोत म्हणजे आमचा धर्म वैदिक ब्राह्मण धर्म नाही तर नेटिव्ह हिंदू धर्म आहे . ब्राह्मण धर्म म्हणज...
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हमें केवल ३ हजार नेटिविस्ट चाहिए ! १३५ करोड़ में ३ टक्का विदेशी ब्राह्मण है यानि केवल ४ करोड़ , बाकी १३१ करोड़ नेटिव है , नॉन ब्राह्मण है। हमें केवल ३ हजार नेटिविस्ट चाहिए जो विदेशी ब्राह्मण भारत छोडो कहते है और नेटिविज़्म , नेटिव हिंदुत्व को मानते है। जिस दिन ये हो जाएगा विदेशी ब्राह्मण भारत छोड़ कर भाग जाएंगे। नेटिविज़्म क्या है ? नेटिविज़्म हमारा गुरु है , आदर्श है , गुरुर है। नेटिव हिंदुत्व क्या है ? नेटिव हिंदुत्व गैर ब्राह्मण हिन्दू धर्म है। जिसमे जाती , वेद , ब्राह्मण , जनेऊ , होम हवन , ब्राह्मण गोड्स नहीं है। ब्राह्मण धर्म और हिन्दू धर्म अलग अलग है। ब्राह्मण धर्म वेद और मनुस्मृति है , हिन्दू धर्म धर्मात्मा कबीर वाणी बीजक और अम्बेडकरका हिन्दू कोड बिल है। जो ये मानता है वो नेटिविस्ट है। हमें ऐसे ३ हजार नेटिविस्ट चाहिए। नेटिविज़्म एक स्वतंत्र विचार है इसमें अम्बेडकरवाद , गांधीवाद , मार्क्सवाद , समाजवाद आदि विचारोंको कोई स्थान नहीं , नेटिविज़्म एक स्वतंत्र वैश्विक विचार है जो वसाहटवाद जैसे ब्रह्मिणवाद और अमर्याद पूंजीवाद का विरोध करता है। ह...