Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Chaachar : 2 : 24
पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : चाचर : 2 : 24 चाचर : 2 : 24 पुजबे को बहु देव , समुझि मन बौरा हो ! शब्द अर्थ : पुजबे = पूजा करने ! बहु = बहुत ! देव = ईश्वर , भगवान , देवो की मूर्तिया ! समुझि = समजो ! मन बौरा हो = मन का पागल है ! प्रग्या बोध : परमात्मा कबीर चाचर के इस पद में कहते है भाईयों आप लोगोने ने जो अपने देवालय में अनेक देवो की अनेक ईश्वर की , अनेक देवी देवता के अवतार की मुर्ती फोटो लगा रखी है और विभिन्न तरह तरह के देवी देवता जैसे मच्छ कच्छ वरह आदी ब्रह्मा और न जाने हजारो अंतहीन...